जनसंघर्ष मोर्चा
छिंदवाडा में मेधा पाटकर, राजेश तिवारी
सहित दर्जन भर आन्दोलनकारियों को छिंदवाडा में नजरबन्द किये जाने की तीखी निदा
करता है. जसमो ने कहा की म प्र सरकार ने अदानी के इशारे पर छिंदवाडा में आतंक का
राज चला रखा है. भाजप का भ्रष्ट्राचार का
विरोध एक दिखावा मात्र है, यहाँ उसके
कांग्रेस के कमलनाथ के साथ साठगाठ. अगर म. प्र. सरकार मेधा पाटकर जैसे वारिसठ
कार्यकर्ता को नजरबंद करती है तो यह एक गंभीर घटना है.
जसमो से जुड़े
समाजवादी जन परिषद् , जागृत आदिवासी
दलित संगठन, नर्मदा बचाव
आन्दोलन श्रमिक आदिवासी संगठन, किसान आदिवासी संगठन , बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ, बन्घेल्खंड आदिवासी मुक्ती मोर्चा, बैगा महापंचायत , गैस पीड़ित महिला गृह उद्योग संगठन, खेदुत मजदूर चटना संगठन, म प्र महिला मंच, नारी चेतना मंच, म प्र शिक्षा मंच
अदि जन संगठनो ने कहा की अदानी की पेंच परियोजना के विरोध के लिए लोगो को इकठा
होने से रोकने के लिए धारा १४४ का बेजा
इस्तेमाल लोकतंत्र पर आघात है.
छिंदवाडा कलेक्टर
ने पेंच परियोजना के खिलाफ आन्दोलन के मद्देनजर अमरवाडा, चौरई और छिंदवाडा तहसील में ३० अक्टूबर से दंड प्रक्रिया सहिंता की धारा १४४ के तहत भारी व्यक्तियों के आने जन पर रोक
लगा दी. यह अलग बात है की इसके बावजूद म प्र के वन मंत्री सरताज सिंह ने तेंदू पता
बोनस सम्मलेन और भाजप किसान मोर्चा का ३
नवम्बर को सम्मलेन किया.
जसमो ने कहा की
भाजप सरकार का तानाशाह भरा चेहरा साफ़ होते जा रहा है.
अनुराग मोदी
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